काली परी और जादुई आइना-Kali gori pari aur jadui aina

बहुत समय पहले, घने जंगलों और बर्फ़ से ढकी पर्वत श्रृंखलाओं के बीच एक प्राचीन राज्य बसा था। उस राज्य में दो रहस्यमयी परियाँ रहती थीं – काली परी और गोरी परी। दोनों बहनों जैसी थीं, लेकिन स्वभाव और शक्तियों में एकदम भिन्न।

काली परी की आँखों में रहस्य और अंधकार की गहराई थी। वह रात के तारों से ऊर्जा पाती थी और उसकी शक्ति छाया और रहस्यमय हवाओं से जुड़ी थी।
गोरी परी की मुस्कान में उजाला और मासूमियत थी। उसकी शक्ति सूरज की किरणों और चाँदनी की चमक से आती थी।

जादुई आइने का रहस्य

राज्य के केंद्र में एक विशाल जादुई आइना रखा था, जो प्राचीन ऋषियों ने बनाया था। कहा जाता था कि यह आइना किसी भी जीव की सच्ची आत्मा दिखा सकता है और भविष्य की झलक भी दे सकता है। परंतु आइने की रक्षा करना आसान नहीं था, क्योंकि उसे पाने वाला असीम शक्ति प्राप्त कर सकता था।

काली परी उस आइने को छूने से डरती थी, क्योंकि उसके हृदय में छिपे अंधकार को उजागर होने का भय था।
गोरी परी उस आइने को देखने के लिए उत्सुक थी, क्योंकि उसे लगता था कि आइना उसके प्रकाश को और प्रबल बना देगा।

साहसिक यात्रा की शुरुआत

एक दिन राज्य में अचानक एक संकट आया। एक दुष्ट जादूगर, जिसका नाम विरक्तान था, ने आइने को चुराने का षड्यंत्र रचा। उसने जंगलों में दानवों और राक्षसी हवाओं को छोड़ दिया, जिससे गाँव के लोग भयभीत हो उठे।

राजा ने घोषणा की –
“जो कोई जादुई आइने की रक्षा करेगा, वही राज्य का सबसे बड़ा रक्षक कहलाएगा।”

तभी काली और गोरी परी ने मिलकर इस मिशन को पूरा करने का निर्णय लिया। दोनों ने पहली बार अपनी शक्तियों को एक करने की ठानी।

परीक्षाओं का मार्ग

उनकी यात्रा आसान नहीं थी।

अंधकार की गुफा – जहाँ उन्हें अपने-अपने भय का सामना करना पड़ा।

काली परी को अपने भीतर छिपे लालच और क्रोध की छवि दिखाई दी।

गोरी परी को अपनी मासूमियत का भ्रम टूटता नजर आया, मानो वह अकेली और असहाय हो।
परंतु दोनों ने एक-दूसरे को संभाला और गुफा पार की।

विषधर नदी – नदी में जहरीले नाग और विषैले धुएँ थे।

काली परी ने अपनी छाया शक्ति से धुएँ को बांधा।

गोरी परी ने अपने प्रकाश से नागों को शांत किया।
दोनों के सहयोग से नदी शांत हो गई।

जादूगर का महल – विरक्तान ने उन पर हमला किया। उसने आइने को अपने काले जादू से ढक दिया था, जिससे उसमें केवल विनाश की छवि दिखाई देती थी।

अंतिम संघर्ष

विरक्तान बोला –
“काली परी, तुम्हारे भीतर का अंधकार मेरे साथ मिल सकता है। गोरी परी, तुम्हारा प्रकाश मुझे रोक नहीं सकता।”

Kali-gori pari aur jadui aina


लेकिन दोनों परियों ने हाथ मिलाया। काली परी ने अपनी छाया को नियंत्रित किया और उसे गोरी परी के प्रकाश से मिला दिया।
प्रकाश और अंधकार के मिलन से एक नई शक्ति उत्पन्न हुई – संतुलन की शक्ति

उन्होंने उस संयुक्त शक्ति से विरक्तान को हराया। जादूगर धूल बनकर बिखर गया।

आइने का सत्य

जब दोनों परियों ने आइने में देखा, तो उसमें विनाश या वैभव नहीं, बल्कि दोनों की एक साथ खड़ी छवि दिखाई दी।
आइने ने कहा –
“सच्ची शक्ति न अंधकार में है, न प्रकाश में। शक्ति है संतुलन और एकता में।”

कहानी का अंत

उस दिन से काली और गोरी परी एक-दूसरे की ताकत और कमजोरी को समझने लगीं। राज्य फिर से सुरक्षित हुआ और लोग उन्हें जादुई बहनें कहने लगे।
जादुई आइना अब केवल उनके पास था, लेकिन अब उसे पाने की कोई लालसा नहीं थी, क्योंकि वे जान चुकी थीं –
सच्चा आइना आत्मा के भीतर होता है।

क्या आप चाहेंगे कि मैं इस कहानी का अगला भाग बनाऊँ जिसमें काली और गोरी परी किसी नए संसार की यात्रा करें?


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