बहुत समय पहले एक छोटे से गांव में एक लड़की रहती थी परियों की सच्ची कहानी: प्रेरणादायक किस्सा जिसका नाम रिया था। रिया बहुत मासूम और दयालु थी। वह हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहती थी। लेकिन उसके गांव के लोग उसकी मदद को कभी खास महत्व नहीं देते थे।
एक दिन रिया जंगल में गई, जहां उसने एक घायल चिड़िया को देखा। उसने चिड़िया को अपनी गोद में उठाया और उसकी देखभाल की। चिड़िया जल्दी ही ठीक हो गई और उड़ गई। रिया को इस बात की खुशी हुई कि उसने किसी की मदद की।
कुछ दिनों बाद, रिया के घर के पास एक अजीब-सा उजाला हुआ। वहां एक परी प्रकट हुई। परी ने रिया से कहा, "तुम्हारा दिल बहुत बड़ा है। तुमने मेरी एक परी-मित्र की मदद की थी जो चिड़िया का रूप लेकर फंस गई थी। अब मैं तुम्हारी मदद करना चाहती हूं।"
परियों की सच्ची कहानी: लोककथाओं में छिपे रहस्य (little fairy tale)
रिया चकित होकर बोली, "मुझे किसी मदद की जरूरत नहीं है। मैं खुश हूं कि मैंने किसी की मदद की।" परी ने मुस्कुराते हुए कहा, "तुम्हारी इसी सोच ने तुम्हें दूसरों से अलग बनाया है। मैं तुम्हें यह जादुई फूल देती हूं। जब भी तुम्हें या किसी को मदद की जरूरत हो, यह फूल तुम्हारी सहायता करेगा।"
रिया ने वह फूल रखा, लेकिन उसका इस्तेमाल केवल दूसरों की मदद के लिए किया। वह अब और भी ज्यादा खुश रहने लगी, क्योंकि उसकी मदद से गांव के कई लोगों का जीवन बदल गया। धीरे-धीरे गांव के लोगों ने भी उसकी अच्छाई को समझा और रिया के जैसे बनने की कोशिश करने लगे।
कहानी से सीख:
दयालुता और दूसरों की मदद करना न केवल दूसरों के जीवन में बदलाव लाता है, बल्कि हमें भी एक बेहतर इंसान बनाता है। जब हम निस्वार्थ होकर काम करते हैं, तो असली "चमत्कार" हमारी जिंदगी में खुद-ब-खुद आ जाते हैं।
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