एक घने जंगल के बीच, एक छोटे से गांव में मीरा नाम की लड़की रहती थी। वह अपनी दादी के साथ रहती थी, जो हमेशा उसे जादुई कहानियां सुनाती थीं। मीरा को जादू पर बहुत विश्वास था और वह हमेशा चाहती थी कि उसकी जिंदगी में भी कुछ जादुई हो।
एक दिन, मीरा जंगल में लकड़ियां इकट्ठा करने गई। चलते-चलते वह एक पुराने पेड़ के नीचे पहुंची, जहां उसे एक छोटी, चमचमाती हुई टोपी मिली। जैसे ही उसने टोपी को उठाया, अचानक एक प्यारी परी प्रकट हुई। परी ने मुस्कुराते हुए कहा, "धन्यवाद, मीरा! यह टोपी मेरी है। बदले में मैं तुम्हें एक तोहफा देना चाहती हूं।"
मीरा ने आश्चर्य से पूछा, "क्या तोहफा?"
परी ने अपनी जादुई छड़ी घुमाई और मीरा को एक ब्रेड दी। वह ब्रेड साधारण दिख रही थी, लेकिन परी ने कहा, "यह साधारण ब्रेड नहीं है। यह जादुई है। जब भी तुम्हें या किसी को भूख लगे, बस इसे तोड़कर खाओ, और यह कभी खत्म नहीं होगी।"
मीरा ने परी का धन्यवाद किया और ब्रेड लेकर घर आ गई। उसने दादी को यह सब बताया, लेकिन दादी ने कहा, "मीरा, इस जादू का इस्तेमाल सोच-समझकर करना। इसे केवल जरूरतमंदों के लिए रखना।"
अगले दिन, गांव में एक गरीब किसान मदद मांगने आया, क्योंकि उसकी फसल बर्बाद हो गई थी। मीरा ने जादुई ब्रेड का एक टुकड़ा उसे दिया। किसान ने ब्रेड खाई और खुश हो गया। धीरे-धीरे गांव के लोग जो भूखे थे, वे मीरा के पास आने लगे।
मीरा और उसकी दादी ने मिलकर जादुई ब्रेड का इस्तेमाल पूरे गांव को खिलाने में किया। लोग खुशहाल हो गए, और गांव में कोई भूखा नहीं रहा।
कुछ समय बाद, परी फिर से प्रकट हुई और बोली, "मीरा, तुमने इस जादू का सही उपयोग किया। इसलिए यह ब्रेड हमेशा तुम्हारे पास रहेगी और तुम्हारा जीवन खुशियों से भर देगा।"
मीरा ने परी का धन्यवाद किया और वादा किया कि वह हमेशा जरूरतमंदों की मदद करेगी। इस तरह, मीरा का गांव हमेशा खुशहाल और समृद्ध बना रहा।
सीख: जादू का असली मतलब दूसरों की मदद करना है।
2.परिओ की एक और कहानी
बहुत समय पहले, एक छोटे से गाँव में परी नाम की एक लड़की रहती थी। वह बहुत दयालु और मेहनती थी। उसके पास ज्यादा कुछ नहीं था, लेकिन वह हमेशा दूसरों की मदद करती थी।
एक दिन, परी के पास खाने के लिए सिर्फ थोड़ा सा आटा और पानी बचा था। उसने सोचा, "इससे मैं क्या करूँ?" लेकिन फिर उसे एक विचार आया। उसने आटे से एक रोटी बनाई और उसे पकाने लगी। जब रोटी तैयार हुई, तो उसकी खुशबू पूरे घर में फैल गई।
तभी दरवाजे पर दस्तक हुई। बाहर एक भूखा बुजुर्ग खड़ा था। उसने कहा, "बेटी, मुझे कई दिनों से कुछ खाने को नहीं मिला। क्या तुम्हारे पास कुछ है?"
परी ने बिना सोचे-समझे अपनी ताज़ी बनाई रोटी उस बुजुर्ग को दे दी। बुजुर्ग ने उसे आशीर्वाद दिया और मुस्कुराते हुए चला गया।
अगले दिन, जब परी उठी, तो उसने देखा कि उसकी रसोई में आटे का एक बड़ा बोरा रखा था। वह समझ नहीं पाई कि यह कैसे हुआ। लेकिन उसने इसे भगवान का उपहार माना।
उस दिन से, परी हर रोज़ रोटी बनाती और उसे गाँव के भूखे और ज़रूरतमंदों में बाँटती। जितना वह बाँटती, उतना ही उसका आटा बढ़ता जाता।
धीरे-धीरे, परी का घर पूरे गाँव के लिए एक आसरा बन गया। लोग उसे प्यार से "परी की ब्रेड" कहने लगे। उसकी उदारता और दयालुता की कहानी दूर-दूर तक फैल गई।
परी ने सबको सिखाया कि जब आप दिल से किसी की मदद करते हैं, तो सच्ची खुशियाँ और बरकत अपने आप मिल जाती हैं।
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