बहुत समय पहले, जादुई Fairy Garden 'एक घने जंगल के बीचों-बीच एक जादुई परी उद्यान था। यह उद्यान किसी आम बगीचे जैसा नहीं था। वहां रंग-बिरंगे फूल, चमचमाते झरने, और पेड़ों पर झिलमिलाते जुगनू हर समय चमकते रहते थे। लेकिन सबसे खास बात थी, वहां रहने वाली परियां।
इन परियों की रानी का नाम एलोरा था। वह सुंदर, बुद्धिमान और दयालु थी। पूरे उद्यान की हरियाली और खुशहाली का राज था एलोरा का जादुई हार, जिसमें चांद और सूरज की शक्तियां छिपी थीं। लेकिन यह बात केवल परियों को ही पता थी।
एक दिन, पास के एक गांव का लालची राजा, राजा वर्धन, उस जादुई हार की कहानी सुनकर परी उद्यान में पहुंच गया। उसने सोचा, "अगर यह हार मेरे पास हो, तो मैं पूरे राज्य को हमेशा के लिए अमीर बना सकता हूं।"
राजा ने अपने सिपाहियों को भेजा, लेकिन जैसे ही वे उद्यान में पहुंचे, वहां के जादुई फूलों ने रास्ता रोक दिया। सिपाही डरकर भाग गए। राजा को गुस्सा आया, और उसने खुद हार चुराने की ठान ली।
राजा चुपके से Fairy Garden में घुसा। उसने देखा, परियां झरने के पास नृत्य कर रही थीं। उनकी हंसी और गीतों में इतनी मिठास थी कि राजा एक पल के लिए मंत्रमुग्ध हो गया। लेकिन फिर उसने अपने लालच पर काबू पाते हुए हार खोजने की कोशिश की।
जैसे ही उसने हार को छूने की कोशिश की, परी रानी एलोरा वहां आ गई। उसकी आंखों में गुस्सा था, लेकिन उसकी आवाज में शांति। उसने कहा, "राजा वर्धन, यह हार केवल उस जगह के लिए है जो इसे संभाल सके। तुम्हारा लालच इस उद्यान और तुम्हारे राज्य दोनों को नष्ट कर देगा।"
राजा ने अपनी गलती महसूस की और माफी मांगी। उसने वादा किया कि वह अपने लालच को छोड़ देगा और अपने राज्य को प्यार और मेहनत से संवारने की कोशिश करेगा।
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एलोरा ने उसकी सच्चाई को समझा और उसे एक जादुई बीज दिया। उसने कहा, "इसे अपने राज्य में लगाओ। यह तुम्हारे राज्य को खुशहाली और समृद्धि देगा, लेकिन केवल तब, जब तुम ईमानदारी और दया से शासन करोगे।"
राजा वर्धन ने बीज लिया और अपने राज्य लौट गया। उसने परी रानी का वादा निभाया और धीरे-धीरे उसका राज्य फिर से समृद्ध हो गया। परी उद्यान पहले की तरह जादुई बना रहा, लेकिन अब वहां किसी लालची इंसान की हिम्मत नहीं होती थी।
और इस तरह, परी उद्यान अपनी जादुई खूबसूरती और शांति के लिए हमेशा के लिए प्रसिद्ध हो गया।
समाप्त।
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