बहुत समय पहले,चार चुड़ैल और परी' एक घने जंगल के बीच में चार चुड़ैलें रहती थीं। इनका नाम था - झनझना, भनभना, टुनटुना, और सनसना। ये चुड़ैलें अपने जादू से पूरे जंगल को डराती थीं। लोग उनसे इतना डरते थे कि जंगल के पास भी नहीं जाते थे।
एक दिन, जंगल में एक सुंदर परी आई। उसका नाम था रोशनी। रोशनी के पास अद्भुत शक्तियां थीं, लेकिन वो अपनी शक्तियों का इस्तेमाल केवल अच्छे कामों के लिए करती थी। उसने देखा कि चुड़ैलें जंगल के सभी जानवरों को परेशान कर रही थीं। पेड़ मुरझाए हुए थे और नदियाँ सूख रही थीं।
परी रोशनी ने चुड़ैलों को समझाने की कोशिश की, "जंगल सबका घर है। इसे डरावना बनाने के बजाय हमें इसे सुंदर और खुशहाल बनाना चाहिए।" लेकिन चुड़ैलें उसकी बात सुनकर हँसी और बोलीं, "हम तो अपनी मर्जी से चलती हैं! तुम हमें रोक नहीं सकतीं।"
परी की योजना
परी ने सोचा कि उन्हें सीधे रोकने से कुछ नहीं होगा। उसने जंगल के जानवरों से मदद मांगी। उसने हिरण, तोते, बंदर और सभी पक्षियों को बुलाया। "हम सब मिलकर चुड़ैलों को सबक सिखाएंगे, लेकिन बिना किसी लड़ाई के," रोशनी ने कहा।
परी ने जानवरों के साथ मिलकर जादू की एक योजना बनाई। जब चुड़ैलें सो रही थीं, तो परी ने अपनी जादू की छड़ी से उनके आसपास के पेड़ों को चमकते हुए सोने के पिंजरों में बदल दिया। अगली सुबह जब चुड़ैलें उठीं, तो वे हैरान रह गईं।
"ये क्या हो गया?" झनझना चिल्लाई।
"हम फंस गई हैं!" टुनटुना ने कहा।
परी वहां आई और बोली, "अगर तुमने वादा किया कि अब से तुम जंगल को नुकसान नहीं पहुंचाओगी, तो मैं तुम्हें आजाद कर दूंगी।"
चुड़ैलों का बदला हुआ दिल
चुड़ैलें डर गईं और रोशनी से माफी मांगने लगीं। उन्होंने वादा किया कि अब वे जंगल की देखभाल करेंगी और जानवरों के साथ दोस्ती करेंगी। परी ने उन पर भरोसा किया और उन्हें आजाद कर दिया।
इसके बाद, चुड़ैलों ने सचमुच अपना स्वभाव बदल लिया। वे जानवरों की मदद करने लगीं, नदियों को साफ रखने लगीं और पेड़ों को बढ़ने में मदद करने लगीं।
जंगल फिर से हरा-भरा हो गया, और परी रोशनी ने मुस्कुराते हुए जंगल को अलविदा कहा।
नैतिक शिक्षा
हमेशा दूसरों की मदद करें और अच्छाई के रास्ते पर चलें। जादू और ताकत से ज्यादा जरूरी है एक अच्छा दिल।
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