एक समय की बात है,चार चुड़ैल और परी की जादुई कहानी' एक सुंदर और जादुई जंगल में चार चुड़ैलों का एक समूह रहता था। उनकी जादुई शक्तियां बहुत अलग थीं, लेकिन उनमें से एक बात समान थी – वे सब अपने जादू का इस्तेमाल केवल अपने फायदे के लिए करती थीं।
पहली चुड़ैल, जिसका नाम क्रोना था, आग का जादू करती थी। वह हर उस चीज़ को जलाना चाहती थी जो उसे पसंद न आए।
दूसरी चुड़ैल, लूना, हवा पर राज करती थी। वह अपनी तेज़ हवाओं से लोगों के घरों को उड़ा देती थी।
तीसरी चुड़ैल, मारिसा, पानी पर जादू करती थी। वह नदी और झीलों का पानी रोक देती, जिससे लोग परेशान हो जाते।
चौथी चुड़ैल, टेरा, धरती पर जादू करती थी। वह जमीन को हिलाकर खेतों को बर्बाद कर देती थी।
ये चुड़ैलें जंगल में डर और अंधकार फैलाती थीं। लेकिन एक दिन, उस जंगल में एक परी, अलायना, आई। अलायना एक दयालु और शक्तिशाली परी थी। उसका मकसद था जंगल में शांति और खुशहाली लौटाना।
परी ने चुड़ैलों से कहा, "तुम्हारे पास इतनी शक्तियां हैं, लेकिन तुम उन्हें गलत कामों के लिए इस्तेमाल कर रही हो। अगर तुम अपनी शक्तियों का सही इस्तेमाल करो, तो यह जंगल सबसे सुंदर और जादुई जगह बन सकता है।"
चुड़ैलों ने परी की बात पर हंसते हुए कहा, "हम अपनी शक्तियों से जो चाहें कर सकती हैं। हमें किसी की सलाह की जरूरत नहीं।"
यह सुनकर अलायना ने जादुई चमत्कार किया। उसने चुड़ैलों को उनकी शक्तियों का असली महत्व दिखाने का फैसला किया। वह उन्हें एक ऐसे गांव में ले गई, जहां लोग पानी, हवा, जमीन और आग के बिना कठिनाई में जी रहे थे।
क्रोना ने अपनी आग से लोगों के लिए खाना पकाने की मदद की।
लूना ने अपनी हवा से पंखे चलाकर उन्हें राहत दी।
मारिसा ने अपनी शक्ति से गांव में पानी लाया।
टेरा ने जमीन को उपजाऊ बनाया, जिससे फसलें उगने लगीं।
यह देखकर चारों चुड़ैलों का दिल बदल गया। उन्हें समझ में आया कि उनकी शक्तियां किसी का नुकसान करने के लिए नहीं, बल्कि दूसरों की मदद के लिए थीं।
अलायना ने कहा, "सच्ची खुशी दूसरों की मदद करने में है।"
उस दिन से चारों चुड़ैलें और अलायना मिलकर जंगल और गांवों में शांति और खुशहाली फैलाने लगीं। अब वह जंगल डर का नहीं, बल्कि प्यार और जादू का प्रतीक बन गया।
और इस तरह, चार चुड़ैलों और परी ने मिलकर एक नया और खूबसूरत अध्याय लिखा।
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