बहुत समय पहले, जंगल की परी' एक घने जंगल के बीचों-बीच, एक सुंदर और जादुई परी रहती थी। उसका नाम था "नैनी"। नैनी के पास अनोखे जादुई पंख थे, जो चमकते हुए मोतियों की तरह लगते थे। वह जंगल के हर पेड़, पौधे और जानवरों का ध्यान रखती थी। जंगल के सभी पक्षी, जानवर और फूल उससे बहुत प्यार करते थे।
परी का काम
नैनी का एक खास काम था। वह हर रात जंगल में घूमती और उन पौधों और जानवरों की मदद करती, जिन्हें चोट लगती या जो बीमार होते। उसके पास एक जादुई छड़ी थी, जिसके हल्के स्पर्श से घाव भर जाते और बीमारियां गायब हो जातीं।
बच्चों का जंगल में आना
एक दिन पास के गांव से कुछ बच्चे जंगल में खेलते-खेलते भटक गए। अंधेरा घिरने लगा और बच्चे डर गए। उन्हें यह भी नहीं पता था कि घर वापस कैसे जाना है। तभी नैनी ने उन्हें देखा। वह एक बड़े पेड़ के पीछे से निकलकर उनके पास आई। बच्चों ने उसे देखकर हैरानी और खुशी दोनों महसूस की।
नैनी की मदद
नैनी ने अपनी जादुई छड़ी से रास्ता रोशन किया और बच्चों से कहा, "डरो मत, मैं तुम्हें तुम्हारे घर तक पहुंचा दूंगी।" बच्चे उसके साथ चलने लगे। रास्ते में उन्होंने नैनी से कई सवाल पूछे, और वह मुस्कुराते हुए हर सवाल का जवाब देती रही।
एक सीख
नैनी ने बच्चों को बताया, "जंगल हमारा दोस्त है। हमें हमेशा इसका ख्याल रखना चाहिए। अगर हम पेड़ों को नुकसान पहुंचाएंगे या जानवरों को डराएंगे, तो जंगल उदास हो जाएगा।" बच्चों ने वादा किया कि वे हमेशा पेड़ लगाएंगे और जंगल की रक्षा करेंगे।
घर वापसी
नैनी ने बच्चों को सुरक्षित उनके गांव पहुंचा दिया। जाते समय उसने कहा, "जब भी तुम जंगल की मदद करोगे, मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगी।" बच्चे खुशी-खुशी अपने घर गए और उन्होंने अपने परिवार को नैनी के बारे में बताया।
नैनी का संदेश
उस दिन के बाद, बच्चों ने अपने दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर जंगल को साफ रखने और पौधे लगाने की शुरुआत की। नैनी भी अब और खुश रहने लगी, क्योंकि उसके जंगल में हर तरफ प्यार और देखभाल का माहौल फैलने लगा था ।
यह कहानी हमें सिखाती है कि प्रकृति की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है, और यदि हम उसका ख्याल रखेंगे, तो वह हमें हमेशा खुशियां देगी।
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