सोने का हंस और परी: एक अद्भुत कथा
बहुत समय पहले, एक छोटे से गाँव के पास एक घना जंगल था। इस जंगल में अनेक जंगली जानवर रहते थे, पर इन सबके बीच सबसे अनोखा था एक सोने का हंस। उसकी पंखों की हर एक कड़ी सोने की बनी थी, और वह रात के समय जंगल को चमक से भर देता था। गाँव वाले उसकी कहानियाँ सुनते और आश्चर्य करते, लेकिन किसी ने उसे कभी करीब से नहीं देखा था।
परी का आगमन
एक दिन, उस जंगल में एक परी आई। वह बहुत सुंदर थी और अपने साथ जादुई शक्तियाँ लेकर आई थी। परी ने हंस के बारे में सुना था और उससे मिलना चाहती थी। उसने हंस को बुलाने के लिए अपने जादुई संगीत का प्रयोग किया। संगीत सुनते ही सोने का हंस परी के पास आया। परी ने हंस को देखकर कहा, "तुम्हारे जैसे सुंदर जीव से मिलकर मैं धन्य हो गई। लेकिन मैं जानती हूँ कि तुम्हारे पास कोई गहरा रहस्य है।"
हंस का रहस्य
सोने का हंस मुस्कुराया और बोला, "हाँ, मैं एक साधारण हंस नहीं हूँ। मुझे एक श्राप के कारण सोने का बना दिया गया है। जो भी मेरे पंखों को छूने की कोशिश करता है, वह स्वार्थ के जाल में फंस जाता है। केवल सच्चे दिल वाला ही इस श्राप को तोड़ सकता है।"
परी की परीक्षा
परी ने हंस से कहा, "मैं तुम्हारी मदद करना चाहती हूँ। मुझे बताओ, इस श्राप को तोड़ने का रास्ता क्या है?"
हंस ने उत्तर दिया, "अगर कोई व्यक्ति बिना किसी स्वार्थ के मेरे पंखों को छुए और मुझे मुक्त करने की इच्छा करे, तो श्राप टूट जाएगा।"
परी ने पूरे गाँव में जाकर यह संदेश फैलाया। कई लोग आए, लेकिन हर कोई सोने के पंखों को पाने के लालच में विफल हो गया।
एक गरीब लड़की की सच्चाई
गाँव में एक छोटी सी गरीब लड़की रहती थी, जिसका नाम मीरा था। उसने परी और हंस की कहानी सुनी और उसने हंस से मिलने की इच्छा जताई। मीरा ने सोने के पंखों को देखने के बाद कहा, "मुझे तुम्हारे पंखों की चमक से कोई लालच नहीं है। मैं बस चाहती हूँ कि तुम मुक्त हो जाओ और आकाश में स्वतंत्र रूप से उड़ सको।"
मीरा ने हंस के पंखों को छुआ, और तभी एक चमत्कार हुआ। सोने का हंस एक सुंदर पक्षी में बदल गया, और उसके आसपास की सभी जंजीरें टूट गईं। परी ने खुश होकर मीरा से कहा, "तुम्हारे सच्चे दिल ने इस जंगल को एक नई आशा दी है। अब यह हंस हमेशा स्वतंत्र रहेगा।"
कहानी का संदेश
इस अद्भुत कथा से हमें यह सीख मिलती है कि सच्चा दिल और निस्वार्थ प्रेम किसी भी श्राप को तोड़ सकता है। भौतिक सुख-संपत्ति से ऊपर उठकर दूसरों के लिए सोचना ही सच्चा मानव धर्म है।
और इस तरह, सोने का हंस और परी की यह कहानी हमेशा के लिए गाँव वालों के दिलों में अमर हो गई।
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