बहुत समय पहले, महासागर की गहराइयों में एक अनोखी और जादुई दुनिया बसी थी। यह थी जलपरी राज्य जहाँ अनगिनत छोटी-बड़ी मत्स्यांगनाएँ रहती थीं। इन मत्स्यांगनाओं का जीवन सुंदर और चमत्कारी था। वे समुद्री जीवों के साथ खेलतीं, मोतियों से सजे महलों में रहतीं और अपने मधुर गीतों से समुद्र को संगीतमय बना देतीं।
इस राज्य की सबसे छोटी और जिज्ञासु मत्स्यांगना का नाम था अरवी। वह अपनी बहनों से अलग थी। जहाँ बाकी मत्स्यांगनाएँ गहनों और सुंदरता में मग्न रहतीं, अरवी को समुद्र के पार इंसानों की दुनिया जानने की लालसा थी। उसने अनगिनत बार महासागर के ऊपर से गुजरने वाले जहाजों को देखा था। जहाजों पर इंसानों को देख वह सोचती, "क्या वे भी हमारे जैसे सपने देखते हैं?"
एक दिन, अरवी को समुद्र के एक कोने में एक पुरानी जादुई किताब मिली। उस किताब में लिखा था कि जो मत्स्यांगना सच्चे दिल से अपनी पहचान बदलने की इच्छा करे, वह जमीन पर जा सकती है। लेकिन इसके लिए उसे समुद्र की सबसे गहरी गुफा में छुपे जादुई मोती को पाना होगा।
अरवी ने ठान लिया कि वह मोती खोजेगी। अपनी सबसे प्यारी दोस्त, डॉल्फिन नीरा, के साथ वह समुद्र की गहराइयों में गई। रास्ता बहुत खतरनाक था—झरनों की तेज धाराएँ, विशाल शार्क, और अंधेरे गलियारे। लेकिन अरवी का साहस अद्भुत था। आखिरकार, उसने मोती को ढूंढ निकाला।
जब अरवी मोती के पास पहुंची, तो वह चमकने लगा। तभी समुद्र की जादूगरनी प्रकट हुई। उसने कहा, "यह मोती तुम्हें इंसानों की दुनिया का हिस्सा बना देगा, लेकिन याद रखना, अगर तुम सच्चा प्यार और अपनापन नहीं ढूंढ पाई, तो तुम्हें हमेशा के लिए समुद्र छोड़ना होगा।"
अरवी ने मोती को छुआ और वह एक खूबसूरत लड़की में बदल गई। अब उसके पैर थे और वह इंसानों की दुनिया में चली गई। वहाँ उसने एक छोटे से गाँव में जगह बनाई। उसने इंसानों की कला, संस्कृति और भावनाओं को महसूस किया।
लेकिन इंसानों की दुनिया इतनी सरल नहीं थी। अरवी को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लोग उसे अजीब समझते, और कभी-कभी वह अकेली महसूस करती। लेकिन एक युवा कलाकार, आरव, ने उसकी सच्चाई को पहचाना। उसने अरवी को अपना दोस्त बनाया, उसे विश्वास और खुशी दी।
धीरे-धीरे, अरवी को इंसानों की दुनिया में वह अपनापन मिला जिसकी उसे तलाश थी। जादूगरनी की शर्त पूरी हो गई, और अब वह स्थायी रूप से इंसानों के बीच रह सकती थी। लेकिन उसने समुद्र को कभी नहीं भुलाया। वह अक्सर तट पर बैठकर अपनी पुरानी दुनिया को याद करती और उसे प्यार भरी नजरों से देखती।
इस तरह, अरवी की कहानी सिखाती है कि अपनी पहचान को तलाशने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए साहस और सच्चे दिल की जरूरत होती है। चाहे कितनी भी मुश्किलें आएँ, अगर मन में सच्चाई और अच्छाई हो, तो हर दुनिया में अपनापन मिल सकता है।
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