नन्ही परियों की कहानियाँ आमतौर पर जादुई, अद्भुत और प्रेरणादायक होती हैं। ये कहानियाँ बच्चों को उनके सपनों की दुनिया में ले जाती हैं, जहां अच्छाई, साहस और करुणा की जीत होती है। नीचे एक नन्ही परी की कहानी का विवरण दिया गया है:
कहानी: नन्ही परी और जादुई फूल
बहुत समय पहले, बादलों के पार एक जादुई परीलोक था। उस परीलोक में छोटी-छोटी परियाँ रहती थीं। उनमें से सबसे छोटी परी का नाम "चमकी" था। वह बहुत प्यारी और मासूम थी, लेकिन उसे लगता था कि वह दूसरों की तरह खास नहीं है। बाकी परियों के पास कोई न कोई विशेष शक्ति थी, लेकिन चमकी के पास ऐसा कुछ नहीं था।
जंगल की खोज
एक दिन परीलोक के रानी ने घोषणा की कि पास के घने जंगल में एक दुर्लभ जादुई फूल खिला है। जो भी उस फूल को ढूंढकर लाएगा, उसे विशेष इनाम मिलेगा। सभी परियाँ बहुत उत्साहित थीं। चमकी ने भी सोचा कि यह उसका मौका है अपनी खासियत साबित करने का।
चमकी ने साहस जुटाया और जंगल की ओर उड़ चली। वह पहली बार परीलोक से बाहर निकली थी। जंगल घना और अंधेरा था, लेकिन चमकी ने हार नहीं मानी। रास्ते में उसे एक घायल तितली मिली। तितली ने मदद के लिए पुकारा। चमकी ने जादुई पत्तियों का इस्तेमाल करके तितली की मदद की। तितली ने कहा, "तुम बहुत दयालु हो। मैं तुम्हारी मदद करूँगी।"
जादुई फूल की खोज
तितली ने चमकी को रास्ता दिखाया। रास्ते में चमकी ने और भी कई जीवों की मदद की। किसी को पानी की जरूरत थी, तो किसी को रास्ता दिखाने की। धीरे-धीरे, सभी जीव उसके दोस्त बन गए।
आखिरकार, चमकी जादुई फूल के पास पहुँची। फूल बहुत सुंदर था और उसकी चमक चारों ओर फैल रही थी। लेकिन जैसे ही वह फूल तोड़ने लगी, उसे महसूस हुआ कि फूल को तोड़ने से उसकी जादुई शक्ति खत्म हो जाएगी। उसने फूल को वहीं रहने देने का फैसला किया।
सच्चा इनाम
चमकी जब खाली हाथ परीलोक लौटी, तो रानी ने पूछा, "तुम फूल क्यों नहीं लाई?" चमकी ने पूरी कहानी सुनाई। रानी मुस्कुराई और कहा, "तुम्हारी सच्ची खासियत तुम्हारा दयालु और निस्वार्थ स्वभाव है। यह जादुई फूल से भी अधिक कीमती है।"
उस दिन से चमकी को "दयालुता की परी" कहा जाने लगा। परीलोक के सभी परियाँ उसकी प्रशंसा करने लगीं।
सीख:
यह कहानी हमें सिखाती है कि हमारी सच्ची खासियत बाहरी चीजों में नहीं, बल्कि हमारे अच्छे दिल और दूसरों के प्रति करुणा में होती है।
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