बहुत समय पहले,एक नन्ही परी की कहानी' एक छोटे से गांव में एक प्यारी सी नन्ही परी रहती थी। उसका नाम "आशा" था। वह बाकी परियों से अलग थी क्योंकि उसके पास जादू की शक्तियां नहीं थीं। लेकिन आशा के पास एक खास गुण था—उसका मन हमेशा दूसरों की मदद करने और खुशियां बांटने के लिए तत्पर रहता था।
गांव में रहने वाले लोग उसकी दयालुता और मेहनत के कारण उसे बहुत प्यार करते थे। वह सुबह-सुबह पक्षियों को दाना डालती, बच्चों के लिए सुंदर खिलौने बनाती, और फूलों की खुशबू से पूरे गांव को महकाती।
परी का सपना
आशा का एक बड़ा सपना था कि वह भी दूसरी परियों की तरह जादू कर सके। लेकिन हर बार जब वह कोशिश करती, तो कुछ न कुछ गलत हो जाता। एक दिन, गांव के बड़े बूढ़े पेड़, जिसे सब "ज्ञान वृक्ष" कहते थे, ने आशा को बुलाया।
"आशा," वृक्ष ने कहा, "तुम्हारी असली शक्ति तुम्हारे दिल में छुपी है। जादू केवल वह नहीं है जो नजर आता है, बल्कि वह है जो लोगों के जीवन में बदलाव लाता है।"
सच्चा जादू
यह सुनकर आशा ने ठान लिया कि वह अपनी साधारण शक्ति से असाधारण काम करेगी। एक बार गांव में भयानक तूफान आया। लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा, और खेत बर्बाद हो गए। आशा ने हार नहीं मानी। उसने गांव के बच्चों और बुजुर्गों को एकत्र किया और सबके साथ मिलकर घरों को ठीक करना शुरू किया।
उसने फूलों के बीज बांटे, ताकि खेतों में फिर से हरियाली आए। धीरे-धीरे, उसकी मेहनत और विश्वास ने पूरे गांव को फिर से खड़ा कर दिया। लोग खुश थे, और हर जगह नई ऊर्जा का संचार हुआ।
नन्ही परी की सीख
आशा समझ गई कि जादू केवल चमत्कार नहीं है। सच्चा जादू मेहनत, प्यार, और विश्वास में है। अब वह न केवल परियों की दुनिया में सबसे खास मानी जाती थी, बल्कि पूरे गांव के लिए प्रेरणा बन गई।
इस कहानी से बच्चों को यह सिखाने का प्रयास है कि हमारी असली ताकत हमारे अच्छे कामों और दूसरों की मदद करने की भावना में है। हम चाहे कितने भी साधारण क्यों न हों, अपनी कोशिशों से दुनिया में बदलाव ला सकते हैं।
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