एक बार की बात है, परियों का जादुई बगीचा (fairy garden) एक छोटे से गांव में एक प्यारी सी बच्ची रहती थी जिसका नाम आरोही था। आरोही को बगीचों और फूलों से बहुत प्यार था। हर सुबह वह अपने छोटे से बगीचे में बैठकर पक्षियों का चहचहाना सुनती और फूलों से बातें करती।
जादुई किताब की खोज
एक दिन आरोही को अपनी दादी की पुरानी अलमारी में एक पुरानी किताब मिली। किताब का नाम था "परियों का जादुई बगीचा"। जैसे ही उसने किताब खोली, एक सुनहरी रोशनी चमकी, और किताब से एक छोटा-सा पत्र निकला। उसमें लिखा था:
"अगर तुम सच्चे दिल से चाहोगी, तो परियों का बगीचा तुम्हारे सामने प्रकट होगा।"
जादुई बगीचे की ओर यात्रा
आरोही ने पत्र को पढ़कर मन ही मन परियों के बगीचे को देखने की इच्छा की। तभी उसके बगीचे के एक कोने में फूल अपने आप हट गए, और एक छोटा-सा सुनहरा रास्ता दिखने लगा। डर और उत्साह के साथ वह उस रास्ते पर चल पड़ी। कुछ ही देर में वह एक जादुई बगीचे में पहुँच गई, जहाँ रंग-बिरंगे फूल, चमकते झरने, और उड़ती हुई नन्हीं परियां थीं।
परियों से मुलाकात
बगीचे में परियां खुशी से नाच रही थीं। उन्होंने आरोही को देखकर कहा,
"तुम्हारे दिल में फूलों और प्रकृति के लिए जो प्यार है, उसी ने तुम्हें यहां बुलाया है।"
परियों ने उसे बताया कि यह बगीचा केवल उन्हीं को दिखता है, जिनके दिल में सच्चाई और दया होती है। उन्होंने आरोही से मदद मांगी, क्योंकि बगीचे के कुछ हिस्से में फूल मुरझा रहे थे।
प्रकृति की देखभाल का वादा
आरोही ने अपने बगीचे से बीज लाकर परियों के बगीचे में लगाए। धीरे-धीरे मुरझाए फूल फिर से खिलने लगे। परियां बहुत खुश हुईं और उन्होंने आरोही को एक जादुई पौधा दिया।
fairy garden की कहानी: प्रकृति और जादू का अद्भुत संगम ( The story of the fairy garden: a magical journey)यह पौधा उसके बगीचे में हमेशा खिलेगा और उसे हर बार परियों के बगीचे में लौटने का रास्ता दिखाएगा।
सीख
आरोही ने सीखा कि अगर हम प्रकृति और दूसरों से प्यार करते हैं और उनकी देखभाल करते हैं, तो हमें भी बदले में खुशियां और जादुई अनुभव मिलते हैं।
उस दिन के बाद, आरोही ने अपने गांव के सभी बच्चों को पेड़-पौधों का महत्व समझाया और उन्हें अपने-अपने बगीचे लगाने के लिए प्रेरित किया।
निष्कर्ष
इस कहानी से यह सीख मिलती है कि प्रकृति का सम्मान और देखभाल करने से हमारी दुनिया जादुई और सुंदर बन सकती है।
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