grimm's fairy stories: समय के साथ बदलती हुई कहानियाँ | grimm's fairy stories | pari's lifestyle | Moral Stories | Amazing Fairy Tales in Hindi

 ग्रिम की परीकथाएँ (Grimm's Fairy Tales) समय के साथ कई रूपों में बदलती रही हैं। जब जैकब और विल्हेम ग्रिम ने 19वीं शताब्दी की शुरुआत में इन कहानियों को संकलित किया था, तब उनका उद्देश्य जर्मन लोककथाओं और संस्कृति को सहेजना था। हालाँकि, मूल संस्करणों में कहानियाँ अधिक डरावनी, गहरी और हिंसक थीं, जो लोककथाओं की कच्ची वास्तविकताओं को दर्शाती थीं।

"Aschenputtel" ग्रिम ब्रदर्स की एक प्रसिद्ध जर्मन परी कथा है, जिसे अंग्रेजी में "Cinderella" के नाम से जाना जाता है। यह एक दयालु और सुंदर लड़की की कहानी है, जो अपनी सौतेली मां और बहनों के अत्याचार सहने के बावजूद अपने अच्छे स्वभाव और धैर्य से एक राजकुमार का दिल जीतती है।

कहानी का सारांश:

एक अमीर आदमी की पत्नी का देहांत हो जाता है, और वह दूसरी शादी कर लेता है। उसकी दूसरी पत्नी की दो बेटियां होती हैं, जो सुंदर तो होती हैं, लेकिन उनका व्यवहार क्रूर और स्वार्थी होता है। सौतेली मां और बहनें गरीब लड़की को हर समय तंग करती हैं और उसे रसोई में काम करने के लिए मजबूर करती हैं। वह चूल्हे की राख में बैठी रहती थी, इसलिए उसे "Aschenputtel" (जिसका अर्थ है "राख में बैठी लड़की") कहा जाने लगा।

चमत्कार और राजकुमार का नृत्य:

राजा के महल में एक भव्य नृत्य समारोह का आयोजन किया जाता है, जिसमें राजकुमार अपनी दुल्हन चुनने वाला होता है। सौतेली बहनें उत्साह से तैयार होकर जाती हैं, लेकिन Aschenputtel को घर पर ही छोड़ दिया जाता है।

ग्रिम की परी कथाएँ: संस्कृति और नैतिकता का संगम ( Magic clay pot)

उसकी माँ की कब्र पर उगने वाले एक जादुई पेड़ और पक्षियों की सहायता से उसे एक सुंदर पोशाक और सोने-चांदी की जूतियाँ मिलती हैं। वह छिपकर महल के समारोह में जाती है और राजकुमार को मंत्रमुग्ध कर देती है। नृत्य के बाद, वह वापस घर लौट जाती है और अपना राज़ छुपा लेती है।

गुम हुई जूती और पहचान:

अगली रात फिर वही घटना दोहराई जाती है, लेकिन तीसरी रात जब वह भाग रही होती है, तो उसकी एक जूती सीढ़ियों में फंस जाती है। राजकुमार जूती उठाकर घोषणा करता है कि वह लड़की, जिसकी यह जूती होगी, उसकी पत्नी बनेगी।

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राजकुमार पूरे राज्य में उस लड़की को खोजता है। सौतेली बहनें भी जूती पहनने की कोशिश करती हैं, लेकिन उनकी चालाकी पकड़ी जाती है। अंत में, Aschenputtel को बुलाया जाता है, और जूती उसके पैरों में पूरी तरह फिट हो जाती है। राजकुमार उसे अपनी रानी बना लेता है।

कहानी का नैतिक संदेश:

धैर्य और अच्छाई हमेशा बुराई पर विजय पाती है।


मेहनत और ईमानदारी का फल अवश्य मिलता है।


दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करना महत्वपूर्ण है।


यह कहानी आज भी बच्चों के बीच बहुत लोकप्रिय है और इसे कई रूपों में फिल्मों, किताबों और नाटकों में प्रस्तुत किया गया है।

समय के साथ हुए बदलाव:

शैली और विषय में बदलाव:

मूल कहानियों में हिंसा, सजा और नैतिक शिक्षा पर जोर था। लेकिन समय के साथ इन्हें बच्चों के लिए अधिक उपयुक्त बनाने के लिए नरम और सकारात्मक रूप दिया गया।

उदाहरण के लिए, "सिंड्रेला" (Aschenputtel) के मूल संस्करण में सौतेली बहनों को कठोर सजा मिलती थी, जबकि बाद के संस्करणों में अंत सुखद बनाया गया।

संस्कृति के अनुसार अनुकूलन:

विभिन्न देशों ने इन कहानियों को अपनी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के अनुसार ढाल लिया। डिज्नी जैसी आधुनिक प्रस्तुतियों ने ग्रिम्स की कहानियों को सरल, चमकदार और रोमांटिक बना दिया, जिससे उनका मूल गहरा अर्थ कहीं खो गया।

मूल्यों में बदलाव:

पुराने संस्करणों में कठिन संघर्ष, न्याय और नैतिक दंड प्रमुख थे। आधुनिक संस्करणों में आत्मनिर्भरता, प्रेम और उदारता जैसी भावनाओं को प्रमुखता दी गई है।

शिक्षा और मनोरंजन का संतुलन:

पहले ये कहानियाँ बच्चों को नैतिक शिक्षा देने के लिए सुनाई जाती थीं, जबकि अब इन्हें अधिक मनोरंजन-केंद्रित बना दिया गया है।

ग्रिम्स की परीकथाओं का यही लचीलापन उन्हें समय के साथ प्रासंगिक बनाए रखता है। चाहे वे पारंपरिक रूप में हों या आधुनिक अनुकूलनों में, वे पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों का मनोरंजन और मार्गदर्शन करती रही हैं।

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