बहुत समय पहले की बात है, Fairy bread: एक अद्भुत कहानी एक छोटे से गांव में एक गरीब लकड़हारा रहता था। उसका नाम रामू था। रामू दिनभर जंगल से लकड़ियां काटता और बाजार में बेचकर अपना गुजारा करता। लेकिन उसकी आमदनी इतनी कम थी कि वह मुश्किल से अपना और अपने परिवार का पेट भर पाता।
एक दिन, रामू जंगल में लकड़ियां काट रहा था, तभी उसने एक झाड़ी के पीछे से किसी के रोने की आवाज सुनी। वह जल्दी से झाड़ी के पास गया और देखा कि एक सुंदर परी वहां बैठी रो रही थी। रामू ने उससे पूछा, "हे देवी, आप क्यों रो रही हैं?"
परी ने कहा, "मैं परीलोक से आई थी, लेकिन गलती से मेरे पंख टूट गए हैं। अब मैं अपने घर वापस नहीं जा सकती।"
रामू ने सहानुभूति भरे स्वर में कहा, "आप चिंता मत करें। जब तक आपके पंख ठीक नहीं हो जाते, आप मेरे घर में रह सकती हैं।"
परी ने धन्यवाद देते हुए रामू का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। रामू ने परी को अपने घर ले जाकर उसकी देखभाल शुरू की। परी ने देखा कि रामू का परिवार बहुत गरीब है, फिर भी वे उसे खुशी-खुशी खाना और जगह दे रहे हैं।
एक दिन, परी ने अपनी जादुई शक्तियों का उपयोग करके रामू के परिवार की मदद करने का फैसला किया। उसने एक जादुई रोटी बनाई और रामू को दी। उसने कहा, "यह रोटी कभी खत्म नहीं होगी। इसे तोड़ो और इसे जितना चाहो खाओ। यह तुम्हारे परिवार का पेट भरने के लिए हमेशा पर्याप्त होगी।"
रामू और उसका परिवार बहुत खुश हुआ। उस रोटी की मदद से उनका जीवन बदल गया। वे गांव के जरूरतमंदों को भी खाना खिलाने लगे। धीरे-धीरे, परी के पंख ठीक हो गए और उसने रामू और उसके परिवार से विदा ली।
लेकिन जाते-जाते उसने रामू से कहा, "तुम्हारा दिल बहुत बड़ा है। इस रोटी को हमेशा दया और प्यार के साथ बांटना। तभी यह रोटी जादुई बनी रहेगी।"
रामू ने परी का आशीर्वाद पाकर अपना जीवन सुख और शांति से बिताया। वह हमेशा दूसरों की मदद करता और जादुई रोटी का उपयोग सही कामों के लिए करता रहा।
शिक्षा: दया और उदारता का फल हमेशा मीठा होता है। दूसरों की मदद करने से हमारा जीवन भी खुशहाल हो जाता है।
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