"Grimm's Fairy Stories: कालजयी कहानियों का जादू" शीर्षक से तात्पर्य है कि ग्रिम बंधुओं (Jacob और Wilhelm Grimm) द्वारा संकलित परीकथाएँ समय की सीमाओं से परे एक जादुई आकर्षण रखती हैं।
ग्रिम्स की परीकथाएँ जर्मन लोककथाओं पर आधारित हैं और पहली बार 19वीं शताब्दी में संकलित की गई थीं। ये कहानियाँ केवल बच्चों के मनोरंजन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इनकी गहराई में नैतिकता, जीवन के सबक, और समाज की झलक देखने को मिलती है।
ग्रिम्स की प्रसिद्ध कहानियाँ:
सिंड्रेला (Cinderella) – कठिनाइयों का सामना करने के बाद सफलता पाने की प्रेरणादायक कहानी।
हेन्सल और ग्रेटल (Hansel and Gretel) – साहस और बुद्धिमानी की मिसाल।
रेड राइडिंग हुड (Little Red Riding Hood) – सतर्कता और समझदारी का सबक।
स्नो व्हाइट (Snow White) – ईर्ष्या और सच्ची सुंदरता की पहचान।
रंपलस्टिल्ट्सकिन (Rumpelstiltskin) – चालाकी और वादों का महत्व।
grimm's fairy stories: एक कहानी
हेन्सल और ग्रेटल (Hansel and Gretel) – ग्रिम्स की एक प्रसिद्ध परीकथा
बहुत समय पहले, एक गरीब लकड़हारा अपनी दूसरी पत्नी और दो बच्चों – हेन्सल और ग्रेटल के साथ जंगल के किनारे रहता था। गरीबी इतनी बढ़ गई कि उनके पास खाने के लिए भी कुछ नहीं बचा। सौतेली माँ ने लकड़हारे को समझाया कि बच्चों को जंगल में छोड़ देना ही एकमात्र उपाय है, ताकि वे खुद बच सकें। लकड़हारा पहले तो नहीं माना, लेकिन अंततः राज़ी हो गया।
हेन्सल ने माँ-बाप की योजना सुन ली और रास्ते में छोटे-छोटे कंकड़ गिराते गए ताकि वापसी का रास्ता मिल सके। रात में जब माता-पिता उन्हें छोड़कर चले गए, तब चाँदनी में चमकते कंकड़ों के सहारे दोनों घर लौट आए।
हालांकि, सौतेली माँ ने दोबारा उन्हें जंगल में छोड़ने की योजना बनाई। इस बार हेन्सल के पास कंकड़ नहीं थे, इसलिए उसने रास्ते में रोटी के टुकड़े गिराए। लेकिन पक्षियों ने वे टुकड़े खा लिए, और इस बार वे घर का रास्ता न ढूंढ सके।
चलते-चलते दोनों एक अद्भुत मिठाई के घर पहुंचे, जिसकी दीवारें केक की बनी थीं और खिड़कियाँ चीनी की थीं। भूख से बेहाल दोनों खाने लगे, तभी एक बूढ़ी चुड़ैल बाहर आई और उन्हें अपने जाल में फंसा लिया। चुड़ैल बच्चों को खाकर अपना पेट भरना चाहती थी। उसने हेन्सल को एक पिंजरे में बंद कर दिया और ग्रेटल से सारा काम करवाने लगी।
लेकिन ग्रेटल चतुर थी। जब चुड़ैल ने हेन्सल को पकाने के लिए आग जलाने को कहा, तो ग्रेटल ने चालाकी से चुड़ैल को ही धक्का दे दिया और दरवाजा बंद कर दिया। चुड़ैल जलकर खाक हो गई।
इसके बाद दोनों ने चुड़ैल के घर में छिपा सोना और कीमती रत्न इकट्ठा किए और खुशी-खुशी अपने पिता के पास लौट आए। सौतेली माँ अब मर चुकी थी, और लकड़हारा अपने बच्चों को पाकर बहुत खुश हुआ। अब वे अमीर और खुशहाल जीवन बिताने लगे।
सीख:
यह कहानी हमें सिखाती है कि साहस और बुद्धिमानी से हम सबसे कठिन परिस्थितियों का भी सामना कर सकते हैं।
इन कहानियों की लोकप्रियता का कारण इनका सार्वभौमिक संदेश और रहस्यमयी वातावरण है, जो हर पीढ़ी को आकर्षित करता है। विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों में अनुवादित होकर ये कहानियाँ आज भी लोगों के दिलों में जादू बिखेर रही हैं।
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