बहुत समय पहले की बात है, लाल परी की कहानी' एक सुंदर और शांत गाँव के पास एक घना जंगल था। उस जंगल में एक लाल परी रहती थी। उसकी चमकदार लाल पोशाक और सुनहरे पंख उसे अन्य परियों से अलग बनाते थे। वह न केवल सुंदर थी, बल्कि अपनी दयालुता और जादुई शक्तियों के लिए भी जानी जाती थी।
लाल परी और उसकी जादुई शक्तियाँ
लाल परी का सबसे बड़ा गुण यह था कि वह दुखी लोगों की मदद करती थी। उसके पास एक जादुई गुलाब था, जिससे वह किसी की भी समस्या हल कर सकती थी। लेकिन वह केवल उन्हीं की मदद करती थी, जिनका दिल सच्चा और इरादे नेक होते थे।
गाँव का संकट
एक दिन गाँव में एक बड़ी समस्या आ गई। गाँव के पास बहने वाली नदी सूखने लगी, जिससे फसलें मुरझाने लगीं और गाँव के लोग भूखे रहने लगे। सभी परेशान थे और उपाय ढूंढने में लगे थे।
गाँव के एक छोटे लड़के, जिसका नाम आरव था, ने सुना कि लाल परी किसी की भी मदद कर सकती है। उसने तय किया कि वह लाल परी से मिलकर अपने गाँव की मदद मांगेगा।
आरव की परीक्षा
आरव लाल परी के जंगल में पहुंचा। वहाँ उसे कई कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा। लाल परी ने उसकी परीक्षा ली। उसने आरव से पूछा, "तुम्हें यह नदी क्यों बचानी है?"
आरव ने कहा, "नदी हमारे गाँव की जान है। अगर यह सूख गई, तो सबकुछ खत्म हो जाएगा। मैं अपने गाँव को बचाना चाहता हूँ, ताकि कोई भूखा न रहे।"
लाल परी उसकी सच्चाई और दयालुता से बहुत प्रभावित हुई। उसने कहा, "तुमने अपनी सच्चाई साबित कर दी है। मैं तुम्हारी मदद करूंगी।"
नदी का जादू
लाल परी ने अपना जादुई गुलाब उठाया और उसे नदी के पास लगाया। कुछ ही क्षणों में सूखी हुई नदी में पानी बहने लगा। फसलें फिर से हरी-भरी हो गईं, और गाँव में खुशियाँ लौट आईं।
संदेश
लाल परी ने आरव से कहा, "हमेशा सच्चाई और दयालुता का रास्ता अपनाना। इसी से दुनिया सुंदर बनती है।"
आरव ने उसे वादा किया और अपने गाँव लौट गया। लाल परी फिर जंगल में चली गई, लेकिन गाँव के लोग हमेशा उसकी दयालुता को याद करते रहे।
इस तरह लाल परी की कहानी सच्चाई, दयालुता और परोपकार का संदेश देती है।
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